मसाले: घर में स्वाद और सेहत के छोटे साथी

मसाले सिर्फ स्वाद नहीं बढ़ाते, ये खाना संभालने और पाचन में भी मदद करते हैं। अगर आप रोज़ के खाने में मसालों का सही इस्तेमाल सीख लें तो स्वाद सुधरता है और कुछ सामान्य शारीरिक शिकायतें भी कम होती हैं। यहां सीधे, उपयोगी और रोज़मर्रा वाले टिप्स मिलेंगे—खरीदना, पकाना और स्टोर करना।

सामान्य मसाले और उनके छोटे-छोटे फायदे

हल्दी: सब्ज़ी और दाल में रंग और हल्का तीखापन लाती है। पारंपरिक तौर पर सूजन कम करने के लिए लोग हल्दी का प्रयोग करते हैं।

जीरा: पाचन सुधारने के लिए चाय या तड़के में जीरा बढ़िया चलता है। सूखा और भूना जीरा सुगंध देता है।

धनिया: हल्का मीठा-सुगन्ध देता है, सब्ज़ी और करी में स्वाद संतुलित करता है। सब्ज़ियों में धनिया पाउडर ताजगी लाता है।

लाल मिर्च/काली मिर्च: तीखापन और खुशबू बढ़ाते हैं। काली मिर्च आम तौर पर सूखापन कम कर खाने का स्वाद तेज़ करती है।

दालचीनी, लौंग, इलायची: मिठास और खुशबू के लिए। चाय, बेकिंग या कुछ खास सब्ज़ियों में एक-दो टुकड़े काफी हैं।

किचन के आसान और काम के टिप्स: पकाना, स्टोर करना, खरीदना

पकाते समय -Whole मसालों को हल्का सेंक लें और फिर पीसें। इतने से खुशबू दोगुनी निकलती है। पाउडर मसाला आखिरी में डालें ताकि स्वाद ताज़ा रहे। तड़का करते समय तेल गर्म होने पर ही मसाले डालें, इससे खुशबू जल्दी निकलती है।

स्टोरेज - मसालों को हवा बंद स्टील या कांच के डब्बों में रखें। सीधी धूप और नमी से बचाएँ। साबुत मसाले पाउडर से लंबे समय तक ताज़ा रहते हैं। छोटी मात्रा में खरीदें—तीन से छह महीने में खतम करें।

खरीदते समय - मसाले सूंघ कर लें: तेज़ और ताज़ा सुगंध सही संकेत है। रंग बहुत फीका हो या खुशबू कम हो तो न खरीदें। पैकेट पर मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपायरी की तारीख जांचें। अगर संभव हो तो साबुत मसाले लें और घर पर पीस लें।

सरल घर का गरम मसाला (एक छोटा वर्ज़न): 2 बड़े चम्मच धनिया, 1 बड़ा चम्मच जीरा, 4-5 लौंग, 2 टुकड़े दालचीनी, 5-6 काली मिर्च। हल्का भूनकर ठंडा कर लें और बारीक पीस लें। यह किसी भी सब्ज़ी या दाल में स्वाद बढ़ा देता है।

एक आखिरी सलाह: मसालों के साथ प्रयोग से डरें मत। छोटी मात्रा में जोड़कर चखते जाएं। कुछ मसाले खाने के स्वाद को बदल देते हैं, पर सीखने पर आप अपने खाने का स्वाद यथार्थ में बेहतर कर पाएंगे।