ऑस्ट्रेलिया महिला टीम ने आज नवी मुंबई के डीवाई पाटिल स्पोर्ट्स अकादमी में खेले गए महिला क्रिकेट विश्व कप 2025 के अर्धफाइनल में भारत के खिलाफ शानदार शुरुआत की। 11.2 ओवर में 85 रन पर लिचफील्ड के आउट होने तक फीबे लिचफील्ड और एलिस पर्री ने 50 रन की जोड़ी जड़ी — ये जोड़ी न सिर्फ टीम को स्थिरता दे रही थी, बल्कि भारत की गेंदबाजी को जबरदस्त तनाव में डाल रही थी। भारत की कप्तान हरमनप्रीत कौर के लिए ये शुरुआत बहुत बुरी खबर थी, क्योंकि ऑस्ट्रेलिया ने पावरप्ले के बाद 72/1 का स्कोर बनाया था। ये वो मैच है जिसके बाद भारत की विश्व कप की उम्मीदें फिर से धुंधली हो गईं।
ऑस्ट्रेलिया का अजेय रिकॉर्ड और भारत की असफलता
ऑस्ट्रेलिया महिला टीम इस विश्व कप में अब तक अजेय रही है — उनका एकमात्र नॉन-विजयी परिणाम श्रीलंका के खिलाफ बारिश के कारण हुआ नो-रिजल्ट मैच था। वहीं, भारत ने समूह चरण में दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के खिलाफ हार महसूस की थी। इस वर्ष के पांच मैचों में से ऑस्ट्रेलिया ने तीन जीत दर्ज की हैं, जबकि भारत की एक ही जीत है। ये सिर्फ एक मैच नहीं, बल्कि एक ट्रेंड का दर्शन है — ऑस्ट्रेलिया की टीम अब तक किसी भी बड़े मैच में डर नहीं खाती।
लिचफील्ड-पर्री की जोड़ी: बल्लेबाजी का आधार
फीबे लिचफील्ड, सिर्फ 23 साल की, लेकिन उनकी बल्लेबाजी उनकी उम्र से कहीं ज्यादा परिपक्व लग रही थी। उन्होंने पहले 11 ओवर में 48 रन बनाए — जिसमें 6 चौके और एक छक्का शामिल था। उनके साथ खेल रही एलिस पर्री ने अपनी अनुभवी बल्लेबाजी से बिना झिझक के गेंदबाजी को नियंत्रित किया। ये जोड़ी उस तरह चल रही थी जैसे वो एक ही दिमाग से खेल रही हों। जब लिचफील्ड को रेचा यादव ने आउट किया, तो ऑस्ट्रेलिया के स्कोरबोर्ड पर 85/1 लिखा था — और घरेलू भीड़ के बीच चुप्पी छा गई।
भारत की गेंदबाजी: जीत की उम्मीदें बची हैं?
भारत की गेंदबाजी ने शुरुआत में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया। रेचा यादव ने लिचफील्ड को आउट करके टीम को जान बचाई, और क्रांति गौड़ ने दूसरे पावरप्ले में बहुत सावधानी से गेंद फेंकी। लेकिन जब बाकी गेंदबाजों ने बल्लेबाजी को रोकने की कोशिश की, तो ऑस्ट्रेलिया की बल्लेबाजों ने उन्हें आसानी से नियंत्रित कर लिया। हरमनप्रीत कौर ने बाद में गेंदबाजी के लिए दो नए स्पिनर्स को शामिल किया, लेकिन ये फैसला ज्यादा असरदार नहीं रहा।
 
मैदान और मौसम: बल्लेबाजों के लिए बना हुआ
डीवाई पाटिल स्पोर्ट्स अकादमी का मैदान इस सीजन में बल्लेबाजों के लिए बहुत अनुकूल रहा है। जनवरी 2025 के बाद यहां खेले गए ओडीआई मैचों में औसत पहली पारी का स्कोर 245 रन रहा है। आज तापमान 28°C और आर्द्रता 65% थी — बिल्कुल वही स्थिति जिसमें बल्लेबाजी करना आसान होता है। बादल नहीं थे, हवा भी हल्की थी — ये सब ऑस्ट्रेलिया के लिए एक बड़ा फायदा था।
इतिहास और भविष्य: ऑस्ट्रेलिया का अजेय राज
ऑस्ट्रेलिया महिला टीम ने अब तक विश्व कप के सात खिताब जीते हैं — 1978, 1982, 1988, 1997, 2005, 2013 और 2022। ये टीम इतिहास की सबसे सफल महिला क्रिकेट टीम है। वहीं, भारत ने 2017 में फाइनल तक पहुंचने का जादू किया था, लेकिन अब तक दूसरा फाइनल नहीं पाया। इस बार भी उनकी उम्मीदें अर्धफाइनल तक ही सीमित रह गईं। अगर ऑस्ट्रेलिया आगे बढ़ गई, तो वो नवंबर 2 को नरेंद्र मोदी स्टेडियम, अहमदाबाद में फाइनल में उतरेगी — जहां वो दूसरे अर्धफाइनल के विजेता यानी दक्षिण अफ्रीका या इंग्लैंड के खिलाफ खेलेगी।
 
अगला कदम: भारत की राह कहां से शुरू होगी?
भारत की टीम अब अपने बच्चों को बताने के लिए कुछ ऐसा बनाना चाहेगी जो उन्हें आगे बढ़ने का आत्मविश्वास दे। शाफाली वर्मा जैसी युवा खिलाड़ियों को अब बड़े मैचों में बहुत ज्यादा जिम्मेदारी देनी होगी। हरमनप्रीत कौर अब न सिर्फ कप्तान हैं, बल्कि एक गुरु बन चुकी हैं। लेकिन सवाल ये है — क्या भारत के पास अब तक की टीम के समान गहराई है? अगर नहीं, तो अगली बार भी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ यही स्क्रिप्ट दोहराई जाएगी।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
ऑस्ट्रेलिया ने इस विश्व कप में कितने मैच जीते हैं?
ऑस्ट्रेलिया महिला टीम ने इस विश्व कप में छह मैच खेले और पांच में जीत हासिल की। एक मैच श्रीलंका के खिलाफ बारिश के कारण नो-रिजल्ट रहा। इस तरह वो टूर्नामेंट में अजेय रहीं, जो उनके इतिहास का एक नया रिकॉर्ड है।
भारत ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पिछले पांच मैचों में कितने जीते हैं?
2025 में दोनों टीमों के बीच पांच मैच खेले गए, जिनमें से ऑस्ट्रेलिया ने तीन जीत हासिल कीं, जबकि भारत की एक ही जीत है। इस अर्धफाइनल में भी ऑस्ट्रेलिया का बढ़त बना रहा, जो इस टाइम टेबल में उनकी श्रेष्ठता को दर्शाता है।
फीबे लिचफील्ड और एलिस पर्री की जोड़ी क्यों इतनी खतरनाक है?
लिचफील्ड की युवा ऊर्जा और पर्री का अनुभव एक बेहद खतरनाक कॉम्बिनेशन है। लिचफील्ड तेज गेंदों पर आक्रामक खेलती है, जबकि पर्री गेंद को घुमाकर रन बनाती है। इस जोड़ी ने पहले 11 ओवर में 85 रन बनाए, जिससे भारत की गेंदबाजी का रणनीति टूट गया।
नरेंद्र मोदी स्टेडियम में फाइनल क्यों महत्वपूर्ण है?
नरेंद्र मोदी स्टेडियम दुनिया का सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम है, जिसकी क्षमता 1.32 लाख है। यहां फाइनल खेलने का मतलब है कि विश्व कप का फैसला भारत के दिलों में होगा। ऑस्ट्रेलिया के लिए ये एक बड़ा अवसर है — वो अपना आठवां विश्व कप जीतकर इतिहास बना सकती हैं।
भारत की टीम में आगे क्या बदलाव हो सकते हैं?
भारत की टीम में युवा खिलाड़ियों को ज्यादा मौका देने की आवश्यकता है। शाफाली वर्मा और श्री करणी जैसी खिलाड़ियों को अगले टूर्नामेंट में बेस्ट गेंदबाजों के खिलाफ खेलने का अवसर देना होगा। रेचा यादव और क्रांति गौड़ को भी अधिक विश्वास देना होगा।
ऑस्ट्रेलिया की टीम के लिए अगला लक्ष्य क्या है?
ऑस्ट्रेलिया का अगला लक्ष्य अपना आठवां विश्व कप जीतना है — जो उन्हें अब तक की सबसे सफल टीम बना देगा। वो चाहती हैं कि उनकी टीम न सिर्फ जीते, बल्कि दुनिया को ये भी दिखाए कि वो एक अलग पीढ़ी की टीम हैं।
