जब दुर्गा शक्ति नगपाल, जिला मजिस्ट्रेट लखीपुर खीरी, उत्तर प्रदेश ने 24 सितंबर 2025 को सप्रीज़ स्कूल निरीक्षणफूलबहार विकास ब्लॉक की घोषणा की, तो स्थानीय लोगों के बीच हलचल मच गई। यह अचानक किया गया दौरा बिना किसी पूर्व सूचना के चार सरकारी प्राथमिक विद्यालयों – दुर्गापुर, बन्नी, कुस्मौरी और एक अनाम चौथा स्कूल – में किया गया।
जाँच के पीछे की पृष्ठभूमि और उद्देश्य
जाँच का मुख्य कारण था हाल ही में मध्याह्न भोजन योजना (Midday Meal Scheme) में पाई जा रही कमी। भारतीय एक्सप्रेस के 9 अक्टूबर 2025 के रिपोर्ट के अनुसार, लखीपुर खीरी में 15 ग्राम प्रधानों को भोजन वितरण में irregularities के कारण बुक किया गया था और 95‑जी नोटिस जारी किए गए थे। इसलिए जिला प्रशासन ने ‘सेवा पखवाड़ा’ (Service Fortnight) के तहत सख्त निगरानी की घोषणा की।
डॉक्टर की तरह, प्रवीण कुमार तिवारी, ब्लॉक स्कूल प्रशासक (BSA) , और विशाल सिंह, जिला प्राथमिक संसाधन एवं शोध अधिकारी (DPRRO) ने भी इस जाँच में हाथ बँटाया। साथ ही सुमित कुमार सिंह, फूलबहार ब्लॉक विकास अधिकारी (BDO) को भी टीम में शामिल किया गया। यह चारों एक ही प्रबंधन सर्कल के भीतर काम कर रहे थे, इसलिए उनके बीच की तालमेल ने जाँच को तेज़ बना दिया।
जाँच की मुख्य खोजें
पहले स्कूल – प्राथमिक विद्यालय दुर्गापुर – में अधिकारियों ने देखा कि माह के मेन्यू के अनुसार तहरी (एक प्रकार का चावल) बनाया जा रहा था, पर 40 पंजीकृत बच्चों में से केवल 18 ही कक्षा में मौजूद थे। यह आंकड़ा साक्ष्य‑आधारित है: 18/40 = 45% उपस्थिति दर। इस पर दुर्गा शक्ति नगपाल ने तुरंत अभिभावकों से संपर्क करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा, “पाठशाला में बच्चा नहीं आया तो उसका कारण जानना हमारा कर्तव्य है।"
जाँच के दौरान, युवा छात्र राहुल को पढ़ते‑देखते महत्त्वपूर्ण टेस्ट किया गया। राहुल ने 7‑गुना (7×8=56) तक की तालिका याद की, जिससे महाध्यापक ने उसे चॉकलेट और कैंडीज़ से पुरस्कृत किया। यह छोटा‑सा इन्सेंटिव, अधिकारियों का विश्वास था, “छात्रों को पढ़ाई में रूचि दिलाने के लिए छोटे‑छोटे फुर्सत के क्षण पर्याप्त होते हैं।”
दुर्गापुर की किचन में भोजन की शुद्धता पर भी सवाल उठे। किचन शेड (खाना बनाने की जगह) को ‘वैकल्पिक इन्फ्रास्ट्रक्चर’ माना जाता है, पर इस स्कूल में वह ठीक से रखरखाव नहीं हो रही थी। इसलिए जिला प्रशासन ने एक सहायक शिक्षिका को नोटिस जारी किया, “भूलभुलैया जैसी किचन व्यवस्था बच्चों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती है।”
अधिकारियों, शिक्षकों और अभिभावकों की प्रतिक्रियाएँ
जाँच के बाद, ब्लॉक स्कूल प्रशासक प्रवीण कुमार तिवारी ने कहा, “हमने जो भी देखा, वह सीधे‑सिर्धे शिक्षा की गुणवत्ता को प्रभावित कर रहा था। अब हम ‘सेवा पखवाड़ा’ के हिस्से के रूप में साप्ताहिक फॉलो‑अप करेंगे।”
एक स्थानीय अभिभावक, राजेश त्रिवेदी ने कहा, “पहले हमें पता नहीं था कि हमारे बच्चों को मध्याह्न भोजन में क्या मिल रहा है। अब जब मजिस्ट्रेट ने जाँच की, तो हम भी अपने बच्चों की उपस्थिति में सुधार करेंगे।”
शिक्षक संघ के प्रतिनिधि ने चिंता जताई कि नोटिस केवल एक सहायक शिक्षिका को ही नहीं, बल्कि सभी शिक्षकों को सतर्क करेगा। उन्होंने कहा, “अगर इन्स्पेक्शन की घोषणा नहीं होती, तो शायद हम इस तरह की बातें नहीं सुनते। लेकिन निरंतर मॉनिटरिंग से ही बदलाव संभव है।”
‘सेवा पखवाड़ा’ – दो हफ्तों का मिशन
24 सितम्बर की जाँच के बाद, दुर्गा शक्ति नगपाल ने सभी ब्लॉक विकास अधिकारियों को निर्देश दिया कि 17 सितम्बर से 2 अक्टूबर 2025 तक ‘सेवा पखवाड़ा’ लागू किया जाए। इस अवधि में उन्होंने चार मुख्य कार्य निर्धारित किए:
- हर स्कूल में दैनिक उपस्थिति के वास्तविक आँकड़े एकत्रित करना।
- भोजन की गुणवत्ता एवं पोषण मानकों की जाँच करना।
- शिक्षण सामग्री की उपलब्धता और छात्र‑शिक्षक अनुपात को सुधारना।
- ग्राम प्रधानों और महिला एवं बाल विकास समिति (WCD) के बीच समन्वय बढ़ाना।
पहले सप्ताह के अंत में, लखीपुर खीरी के 12 स्कूलों में उपस्थिति दर 65% तक पहुँच गई, जो पहले की 45% से काफी बेहतर था। भोजन की शुद्धता पर भी सकारात्मक फीडबैक मिला – 92% बच्चों ने कहा कि भोजन स्वादिष्ट व पाचन में आसान था।
भविष्य में शिक्षा सुधार के कदम
जांच के बाद जिला स्तर पर एक नई नीति बनाई जा रही है। नीति के अनुसार, हर स्कूल में एक ‘मिडडे मीट कॉम्प्लायंस कमेटी’ स्थापित होगी, जिसमें ग्राम प्रधान, स्कूल प्रधानाचार्य, और स्थानीय NGOs के प्रतिनिधि शामिल होंगे। यह कमेटी हर महीने दो बार भोजन की जाँच करेगी और परिणाम को सार्वजनिक करेगी।
साथ ही, राज्य सरकार ने घोषणा की है कि अगले वित्तीय वर्ष में लखीपुर खीरी में 1,200 नए किचन शेड स्थापित किए जाएंगे, जिससे मध्याह्न भोजन की पहुंच हर बच्चे तक सुनिश्चित होगी। यह कदम ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ (BBBP) स्कीम के अंतर्गत महिला एवं बाल विकास समिति की भूमिका को भी सुदृढ़ करेगा।
आखिरकार, यह तरह‑तरह के कदमों से लखीपुर खीरी में शैक्षणिक भागीदारी और स्वास्थ्य दोनों में सुधार की उम्मीद है। जैसा कि एक स्थानीय शिक्षाविद् ने कहा, “एक बार जब प्रशासन तेज़ी से कार्रवाई करता है, तो परिवर्तन की लहर खुद बख़ुद फैलती है।”
सारांश: मुख्य बिंदु
- 24 सितंबर को दुर्गा शक्ति नगपाल ने अचानक चार स्कूलों का निरीक्षण किया।
- उपस्थिति दर 45% से बढ़कर 65% हुई, भोजन गुणवत्ता में सुधार दिखा।
- एक सहायक शिक्षक को नौटिस, 15 ग्राम प्रधानों को बुकिंग, 95‑जी नोटिस जारी।
- ‘सेवा पखवाड़ा’ के तहत सतत मॉनिटरिंग और नई नीति तैयार।
- भविष्य में किचन शेड विस्तार और कॉम्प्लायंस कमेटी की स्थापना।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
सेवा पखवाड़ा से स्थानीय छात्रों को क्या लाभ मिला?
सेवा पखवाड़ा के दौरान स्कूलों में उपस्थिति दर 45% से बढ़कर 65% हो गई, जिससे बच्चे नियमित रूप से कक्षा में आने लगे। साथ ही, मध्याह्न भोजन की शुद्धता पर 92% सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली, जिससे पोषण स्तर में सुधार हुआ।
दुर्गा शक्ति नगपाल ने असहायक शिक्षक को नोटिस क्यों जारी किया?
जाँच में यह पाया गया कि किचन शेड की देखरेख में लापरवाही और भोजन वितरण में खामियां थीं। इसी कारण असहायक शिक्षिका को नोटिस जारी किया गया, ताकि जिम्मेदारियों की स्पष्टता बनी रहे और भविष्य में ऐसी गलती न दोहराई जाए।
मध्याह्न भोजन योजना में पहले किन समस्याओं की रिपोर्ट आई थी?
भारतीय एक्सप्रेस के अनुसार, लखीपुर खीरी में 15 ग्राम प्रधानों को भोजन वितरण में irregularities के कारण बुक किया गया था और 95‑जी नोटिस जारी किए गए थे। यह दर्शाता है कि भोजन की गुणवत्ता, मात्रा और समयसापेक्षता में गंभीर त्रुटियां थीं।
भविष्य में लखीपुर खीरी में शिक्षा सुधार के लिए कौन से कदम उठाए जाएंगे?
सरकार ने नया ‘मिडडे मीट कॉम्प्लायंस कमेटी’ स्थापित करने का प्रस्ताव रखा है, जिसमें ग्राम प्रधान, स्कूल प्रधानाचार्य और NGOs शामिल होंगे। साथ ही, अगले वित्तीय वर्ष में 1,200 नए किचन शेड स्थापित करके भोजन की पहुंच और पोषण स्तर सुनिश्चित किया जाएगा।
इस जाँच से कौन-से नीतिगत बदलावों की उम्मीद है?
जाँच के परिणामस्वरूप जिला स्तर पर ‘सेवा पखवाड़ा’ के तहत सतत निगरानी प्राथमिकता बन गई है। साथ ही, मध्याह्न भोजन योजना की रेगुलेशन में किचन शेड की अनिवार्यता और ग्राम प्रधानों की जवाबदेही को कड़ा किया जाएगा।